वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- भदोही के चौरी बाजार क्षेत्र के बरदहां गांव निवासी भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत का मामला धीरे-धीरे गरमाता जा रहा है। आकांक्षा के परिजनों की हालत देखने के बाद गांव वालों का सब्र भी गुरुवार को जवाब दे गया। वो सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए।
भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत का मामला धीरे-धीरे गरमाता जा रहा है। एक तरफ जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने इसे खुदकुशी बताया है, वहीं आकांक्षा की मां मधु दुबे ने साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाया है। बुधवार को उन्होंने सीबीआई जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है।
गुरुवार को आकांक्षा के गांव वाले भी सीबीआई जांच की मांग के समर्थन में आ गए। दोपहर में जुलूस की शक्ल में ग्रामीण बरदहा चौराहे पर आ पहुंचे। आकांक्षा दुबे को न्याय मिले और समर सिंह को फांसी हो जैसे नारे लगाए। ग्रामीणों ने चक्कजाम करने की भी कोशिश की। हालांकि मौके पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
सीबीआई जांच की मांग पर अड़े ग्रामीण
ग्रामीण आकांक्षा दुबे की मौत मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग पर पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि गांव की बेटी को न्याय मिलना चाहिए। समर सिंह और संजय सिंह अगर दोषी हो तो फांसी की सजा होनी चाहिए। दोहराया की आकांक्षा आत्महत्या नहीं कर सकती। संजय सिंह और उसके सहयोगी समर सिंह ने मिलकर उसे मारा है।
होटल के कमरे में मिला था आकांक्षा का शव
मूल रूप से भदोही के चौरी बाजार क्षेत्र के बरदहां गांव निवासी भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे बीते रविवार को वाराणसी के सारनाथ स्थित एक होटल के कमरा नंबर 105 में मृत मिलीं थीं। वह अपने बेड पर बैठी हुई थीं और उनके गले पर पंखे के हुक के सहारे दुपट्टे का फंदा था। मुंबई से वाराणसी पहुंचीं आकांक्षा की मधु दुबे ने बताया कि उनकी बेटी को भोजपुरी गायक समर सिंह और उसके सहयोगी संजय सिंह बीते तीन साल से प्रताड़ित और परेशान कर रहे थे। दोनों ने साजिश के तहत आकांक्षा की जान ली है।
मामले में मां की तहरीर पर पुलिस ने समर सिंह और उनके भाई संजय सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जबकि दोनों आरोपी घटना के दिन से फरार हैं।आकांक्षा की मौत के बाद से उनके परिजन बदहवास हैं। गांव में शोक की लहर है।
बुधवार को अभिनेत्री अक्षरा सिंह भी आकांक्षा दुबे के पैतृक गांव बरदाहां पहुंची और उनकी मां से मिलकर न्याय की लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया। आकांक्षा के परिजनों की हालत देखने के बाद गांव वालों का सब्र भी गुरुवार को जवाब दे गया। वो सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए।